देवनागरी में लिखें

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Saturday 19 November 2011

विषम प्रस्थिति.... !! ya ??


कोई भी मृत्यु की बाते क्यों करते हैं.... ??
कोई असहनीय पीड़ा , कोई बड़ी असफलता , अकेलापन ,
अवसाद ग्रस्त हो और उसके आस पास का परिवेश भी नकारत्मक हो ,
कोई उसे समझने की कोशिश ही करे या ,
उसे हरदम नीचा दीखाया जाता रहे , या कुछ अन्य.... !!
 कुछ भी ऐसा है जिसका हल हो.... ?
वस्तुतः कारण को जानने और समझने की ज़रूरत ज़्यादा है... !
केवल एक सकारात्मक सोच की जरूरत होती है... !
विषम प्रस्थिति में अपने को उबार लेना ही बहादुरी है .... !!

1 comment:

अनुपमा पाठक said...

सकारात्मकता बनी रहनी चाहिए!
दृष्टिकोण ही सबकुछ है!